Mutual funds : पैसे निवेश करने से पहले ले ले पूरी जानकारी
Mutual funds :
Mutual funds एक लोकप्रिय निवेश माध्यम है जो निवेशकों मे काफी प्रचलित हो चुका है । इस इनवेस्टमेंट मे निवेशको से पैसा इकट्ठा करके स्टॉक, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों जैसी परिसंपत्तियों के विविध पोर्टफोलियो में निवेश किया जाता है । म्यूचूअल फंड्ज को पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा चलाया जाता है जो निवेशकों की ओर से निवेश संबंधी निर्णय लेते हैं।
Mutual funds की विशेषताऐं :
- विविधता (Diversification) : म्यूचुअल फंड मैनेजर निवेशकों के पैसों को अगल अलग जगह पे निवेश करते हैं, जिससे पैसे गवाने का जोखिम कम हो जाता है । उदाहरण के लिए, एक स्टॉक म्यूचुअल फंड सैकड़ों विभिन्न कंपनियों के शेयर मे निवेश करता है जिससे अगर किसी एक कंपनी मे नुकसान होता है तो दूसरी कंपनी द्वारा उसका सुधार हो जाता है ।
विविधता के तौर पर कई प्रकार के म्यूचुअल फंड हैं, जिनमें नीचे दिए गए mutual funds शामिल हैं
- इक्विटी फंड (Equity Funds ): मुख्य रूप से शेयरों में निवेश करता है ।
- बॉन्ड फंड (Bond Funds) : बॉन्ड और अन्य ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) में निवेश ।
- मनी मार्केट फंड (Money Market Funds): कम समय के लिए उच्च गुणवत्ता वाले ऋण उपकरणों (debt instruments ) में निवेश ।
- बैलेंस्ड फंड (Balanced Funds) : पैसों के जोखिम और रिटर्न को संतुलित करने के लिए स्टॉक और बॉन्ड के मिश्रण में निवेश ।
- इंडेक्स फंड (Index Funds): यह mutual funds किसी विशिष्ट इंडेक्स के प्रदर्शन को ट्रैक करता है , जैसे की S&P 500।
- सेक्टर फंड (Sector Funds) : इस टाइप के म्यूचूअल फंड्ज प्रौद्योगिकी (Technology) या स्वास्थ्य सेवा (Healthcare) जैसे अर्थव्यवस्था के विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है ।
- व्यावसायिक प्रबंधन (Professional Management): फंड मैनेजर अपने उद्देश्यों के आधार पर फंड के निवेश का चयन और प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार होता है । ये विशेषज्ञता और सक्रिय प्रबंधन प्रदान करता है, जो उन निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद है जिनके पास अपने निवेश को प्रबंधित करने के लिए समय या ज्ञान नहीं है।
- लिक्विडिटी (Liquidity ) : म्यूचुअल फंड शेयरों को किसी भी कारोबारी दिन Net asset value पर खरीदा या बेचा जा सकता है। जो दूसरे इनवेस्टमेंट से काफी अलग है जैसे की रियल एस्टेट जहा पे खरीदेने और बेचने के लिए सही समय का इंतजार करना पड़ता है ।
- Mutual Funds की लागत (Cost) : म्यूचुअल फंड में निवेश में आम तौर पर फीस लगती है जो इस प्रकार है :
प्रबंधन शुल्क (Management Fees): यह फंड के निवेश के प्रबंधन के लिए फंड मैनेजर को दी जाने वाली निरंतर फीस है।
व्यय अनुपात (Expense Ratio) : इस फीस को कुल वार्षिक शुल्क फंड की औसत संपत्ति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया गया है
फ्रंट-एंड लोड (Front-End Load) : यह को शेयर खरीदते समय भुगतान किया जाने वाला बिक्री शुल्क है ।
बैक-एंड लोड (Back-End Load): यह को शेयर बेचते समय भुगतान किया जाने वाला बिक्री शुल्क, जिसे अक्सर “आकस्मिक आस्थगित बिक्री शुल्क (contingent deferred sales charge)” के रूप में जाना जाता है।
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Mutual Funds के प्रकार और इसके फायदे और नुकसान :
सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड (Actively Managed Funds) :
इस प्रकार के फंड मैनेजर किसी विशिष्ट बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सक्रिय रूप से निवेश का चयन और प्रबंधन करते हैं। इसमे उच्च रिटर्न की संभावना, बाजार की स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने का लचीलापन होत है । लेकिन इसमे ऊंची फीस होती है और बाजार बेहतर प्रदर्शन करेगा इसकी कोई गारंटी नहीं होती है।
निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड (इंडेक्स फंड) (Passively Managed Funds):
इस फंड्ज मे किसी विशिष्ट बाज़ार सूचकांक (Index) के बेहतर प्रदर्शन करना । इसमे कम फीस रहती है और पारदर्शी रणनीति होती है । लेकिन सूचकांक कब बेहतर प्रदर्शन करेगा इसका कोई भरोसा नहीं।
लोड फंड्ज (Load Funds) :
ये mutual funds शेयर खरीदते समय (फ्रंट-एंड लोड) या बेचते समय (बैक-एंड लोड) बिक्री कमीशन लेते हैं। ये फंड्ज व्यक्तिगत सेवाएं या फाइनैन्शल प्लैनिंग प्रदान करता है । लेकिन इसमे अतिरिक्त लागत समग्र रिटर्न को कम कर सकती है।
नो-लोड फंड (No-Load Funds ) :
ये फंड किसी भी प्रकार का कोई बिक्री कमीशन नहीं लेते हैं। इसमे कम लागत लगती है और कोई बिक्री शुल्क नहींहोत है।लेकिन इसमे कम वैयक्तिकृत सेवाएँ या समर्थन हो मिलता है।
विविधीकरण और पेशेवर प्रबंधन चाहने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड (mutual funds) एक बहुत ही अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन उनकी फीस, निवेश रणनीतियों और पिछले प्रदर्शन की जानकारी और उसे समझना भी महत्वपूर्ण है।