ETF (Exchange Traded Funds) क्या है और कैसे इन्वेस्ट करे ?

ETF (Exchange Traded Funds) :

Exchange Traded Funds (ETF) भारतीय शेयर बाजार में एक लोकप्रिय निवेश माध्यम है। वे असेट्स  के विविध पोर्टफोलियो में निवेश करने का एक तरीका प्रदान करता हैं और व्यक्तिगत स्टॉक की तरह स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है।

ETFs क्या है ?

ETF एक निवेश फंड हैं जिनका व्यक्तिगत स्टॉक के समान स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है। वे आम तौर पर एक इन्डेक्स, कमोडिटी, मुद्रा या असेट्स की एक बास्केट को ट्रैक करते हैं। ईटीएफ को बाजार या असेट्स वर्ग के एक विशेष खंड में एक्सपोजर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

कैसे काम करता है ?

जो भी ETF फंड्ज मे असेट्स होते है उसका स्वामित्व फंड प्रोंवाइडर करता है उसके पास होता है । फंड प्रोंवाइडर शेयर बाजार मे शेयर के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए एक फंड बनाता है और निवेशकों को उस फंड में शेयर प्रदान करता है।

शेयरधारकों के पास ईटीएफ का एक हिस्सा होता है, लेकिन फंड की संपत्ति नहीं जो भी फंड की संपत्ति रहेगी वह केवल फंड प्रोंवाइडर के पास रहेगी। स्टॉक इंडेक्स को ट्रैक करने वाले ईटीएफ में निवेशकों को इंडेक्स की घटक कंपनियों के लिए एकमुश्त लाभांश भुगतान या पुनर्निवेश मिल सकता है।

एक ईटीएफ प्रोंवाइडर स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी या मुद्राओं जैसी असेट्स के मूल्यों को ध्यान में रखता है, और उनकी एक बास्केट बनाता है। निवेशक उस बास्केट में से शेयर उसी तरह खरीद सकते हैं जैसे वे किसी फर्म में स्टॉक खरीदते या बेचते हैं। शेयर बाजार मे स्टॉक की तरह, खरीदार और विक्रेता पूरे दिन एक एक्सचेंज पर ईटीएफ का व्यापार करते हैं। 

ETF की विशेषताऐं:

विविधीकरण (Diversification): ईटीएफ असेट्स की एक विस्तृत श्रृंखला में अनावरण प्रदान कर सकते हैं, जो रिस्क को कम करता है .

तरलता (Liquidity): इसे स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार किया जाता है, जिससे निवेशक पूरे कारोबारी दिन के दौरान कभी भी बाजार कीमतों पर शेयर खरीद और बेच सकते है । 

लागत-प्रभावी (Cost-Effective) : ईटीएफ में आम तौर पर उनकी निष्क्रिय प्रबंधन (passive management) शैली के कारण म्यूचुअल फंड की तुलना में कम लागत (lower expense ratios) होती  है।

पारदर्शिता (Transparency): ईटीएफ की होल्डिंग्स प्रतिदिन अपने पोर्टफोलियो मे देख सकते है और उसमे कितना उतार चढ़ाव हो रहा है उपसे नजर रख सकते है , जिससे निवेशकों के लिए यह देखना आसान हो जाता है कि उनके पास क्या है।

ETF मे निवेश करने के फायदे :

बाकी सारे फंड्ज की तुलना मे ETF मे काम लागत लगती है ।

पूरे दिन बाजार मूल्यों पर कारोबार किया जा सकता है। 

व्यापक बाज़ार इंडेक्स या क्षेत्र में एक्सपोज़र प्रस्तुत करता है, जिससे व्यक्तिगत शेयरों में निवेश का जोखिम कम हो जाता है। 

होल्डिंग्स का नियमितरूप से विश्लेषण कर सकते है जो ईटीएफ के निवेश में स्पष्ट अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। 

बाजार समय के दौरान खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है, जिसेस स्टॉक की तरह ईटीएफ का व्यापार भी शेयर बाजार मे कर सकते है।

ETF मे निवेश करने के नुकसान :

बाजार जोखिम (Market Risk) : ईटीएफ का मूल्य बाजार की गतिविधियों के साथ उतार-चढ़ाव हो सकता है। यदि अंतर्निहित इंडेक्स या असेट्स में गिरावट आती है, तो ईटीएफ के मूल्य में भी गिरावट आती है ।

ट्रैकिंग त्रुटि (Tracking Error) : ईटीएफ के प्रदर्शन और उसके द्वारा ट्रैक किए जाने वाले इंडेक्स  के बीच अंतर हो सकता है, जिसे ट्रैकिंग त्रुटि के रूप में जाना जाता है।

वही अधिकांश ईटीएफ तरल होते हैं, जबकि कुछ विशिष्ट या कम लोकप्रिय ईटीएफ में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकता है।कुछ हल्के कारोबार वाले ईटीएफ में भारी बोली होती है, जिसका अर्थ है कि आप बोली की उच्च कीमत पर खरीदेंगे और कम कीमत पर बेचेंगे।

जानिए अलग अलग ETF के बारे मे :

  • Index ईटीएफ
  • Fixed Income ईटीएफ
  • Commodity ईटीएफ
  • Leveraged ईटीएफ
  • Style ईटीएफ
  • Foreign market ईटीएफ
  • Inverse ईटीएफ

 निवेश कैसे करें:

स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchanges): ईटीएफ NSE या BSE जैसे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं। ईटीएफ में व्यापार करने के लिए निवेशकों को एक डीमैट (Demate) और ट्रेडिंग (Trading) खाते की आवश्यकता होती है।

ब्रोकरेज खाते (Brokerage Accounts): ईटीएफ को ब्रोकरेज खातों या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदा जा सकता है।

सीधे एएमसी से (Directly from AMCs): कुछ ईटीएफ प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) चरण के दौरान सीधे असेट्स प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) से भी खरीदे जा सकते हैं।